Chandu Champion Trailer Review: गजब का ट्रांसफॉर्मेशन दिखा आर्यन का इस फिल्म में

By Bhawani Singh

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Chandu Champion

Chandu Champion Trailer Review: कार्तिक आर्यन और कवीर खान की चंदू चैम्पियन के ट्रेलर रिलीज हो चुका ट्रेलर देखकर ऐसा लग रहा है की इस साल जून का महिना काफी खास होने वाला है, और ये फिल्म कार्तिक की सब फिल्मो से हटकर है क्यूकी कार्तिक की जितनी भी फिल्मे आई है अब तक उसमे वो चोकलेट बॉय के किरदार में ही नज़र आये है लेकिन, इस फिल्म में कार्तिक की गजब की ट्रांसफॉर्मेशन को देख कर हर र्कोई हैरान है|

कार्तिक को इस फिल्म के लिए कई किलो वजन घटाना पडा था, एक इंटरव्यू में कार्तिक ने बताया था इ इस फिल्म के लिए उन्हें लोहा जैसी मेहनत करना पडा था, तब जाके ये लुक आया है, अगर ये फिल्म हित होती है तो कार्तिक की लाइफ पूरी तरह बदलने वाली है|

Chandu Champion A True Story Of A Man, Who Refused to Surrender

चंदू चैम्पियन एक सच्ची कहानी है जो भारत के पहले पैरालेंगिक गोल्ड मेडेलिस्ट मुर्लिकांत पीटकर की ज़िन्दगी पर आधारित है| जिन्होंने आताम्समार्पण करने से इंकार कर दिया| जो जंग में 9 गोलिये खाने के बावजूद भी जंग पर बने रहे और जीने की चाहत लेकर मौत को भी माद दे दी, ऐसी ही चंदू चैम्पियन की कहानी|

Chandu Champion

को देखकर कुछ ऐसा लग रहा ही है की “पान सिंह तौमर” की जीवनी से मिलता जुलता नज़र आ रहा है| खैर दोनों की अलग अलग जीवनी थी और दोनों ने अपने देश की खातिर काफी अतम समर्पण किये थे|

फिल्म का ट्रेलर

ट्रेलर की शुरुआत में कार्तिक की बचपन से लेकर जवानी तक और बुढ़ापे के सिन को भी दिखाया गया है, जिसमे बचपन की कठिनाइयों से उपड उठाकर और फिर ओलाम्पिंक तक पहुचने तक की पूरी कहानी को दिखाया गया है| 3 मीन के इस ट्रेलर में सब कुछ बड़े ही बारीकी तरीके से दिखाया गया है| जो अआप्को जरुर देखना चाहिए|

फिल्म की काहानी

ट्रेलर शुरू होता है विजयराज के नैरेशन से, जिसमें वो चंदू की कहानी सुनाते नजर आते. ट्रेलर की शुरुआत होती है उस सीन से जब इंडियन आर्मी का हिस्सा रहे चंदू को जंग के दौरान 9 गोलियां लगती हैं| लेकिन फिर भी चंदू की जीने की चाहत उसे मौत से भी दो-दो हाथ करा देती |

Chandu Champion

इसके बाद, चंदू की वो जिंदगी दिखाई जाती है जिसमें उसके बचपन से लेकर इंडियन आर्मी में शामिल होने और जंग में गोलियां खाने से लेकर ओलंपिक तक का सफर तय करने की यात्रा दिखती है. पूरा ट्रेलर चंदू की कहानी को परत दर परत दिखाता है, लेकिन ट्विस्ट और टर्न्स के साथ| इस वजह से ट्रेलर खत्म होते-होते चंदू के बजाय सिर्फ चैंपियन दिखने लगता है|

फिल्म का ये डायलॉग पूरी बात कह जाता है, ”भगवान से मेरा जो भी लेनदेन था मुझे ऐसा मारना उसके प्लान में ही नहीं था. वो दिन मैं तय किया मैं जिएगा और उसके लिए जितना लड़ना पड़े मैं लड़ेगा| हर चिढ़ाती हुई हंसी को पलट के बोलेगा ..ए हंसता काए को है”|

कौन है मुरलिकांत पेटनेकर जिनकी ऊपर ये फिल्म बनाई गई

मुरलिकांत भारत के पहले पैरालेंगिल्क गोल्ड मेडेलिस्ट है जिन्होंने 50 मीटर फ्री स्टाइल स्विमंग में १९72 में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडेलिस्ट जीता, इसके अलावा उन्होंने जैवलीन थ्रो जैसे अन्य गेम भी हिस्सा लिया था

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